जानकारी
वैज्ञानिक नाम: फिकस रेसमोसा
सामान्य नाम: पूना फिग, क्लस्टर फिग, गूलर, अत्ती, इंडियन फिग, उम्बर
उत्पत्ति: भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी
परिवार: मोरेसी
पौधे का प्रकार: सदाबहार पेड़
पेड़ लगाना
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स्थान: अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी के साथ धूप से लेकर आंशिक रूप से छायांकित स्थान का चयन करें।
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दूरी: पूना के अंजीर के पेड़ कम से कम 20-25 फीट की दूरी पर लगाएं।
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मिट्टी: ये पेड़ 6.1-7.8 के पीएच के साथ अच्छी तरह से जल निकासी, दोमट या रेतीली मिट्टी में पनपते हैं।
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पानी देना: बढ़ते मौसम के दौरान मिट्टी को समान रूप से नम रखें लेकिन जल भराव न करें। सर्दियों के महीनों में पानी कम दें।
बढ़ रही है
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तापमान: पूना अंजीर का पेड़ एक कठोर पौधा है जो 20°F से 110°F (-6°C से 43°C) के बीच तापमान सहन कर सकता है।
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उर्वरक: निर्माता के निर्देशों का पालन करते हुए बढ़ते मौसम के दौरान एक संतुलित, धीमी गति से निकलने वाली खाद का प्रयोग करें।
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छंटाई: पेड़ के आकार को बनाए रखने के लिए उसकी छँटाई करें और मृत या क्षतिग्रस्त शाखाओं को हटा दें।
देखभाल
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कीट नियंत्रण: मीलीबग्स, एफिड्स और स्केल कीड़े जैसे सामान्य कीटों पर नज़र रखें। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक साबुन या नीम के तेल का प्रयोग करें।
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रोग प्रबंधन: उचित वायु परिसंचरण प्रदान करके और अत्यधिक नमी से बचकर फंगल रोगों को रोकें। उचित कवकनाशी से किसी भी संक्रमण का इलाज करें।
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पलवार: नमी बनाए रखने और मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए पेड़ के आधार के चारों ओर जैविक मल्च की 2-3 इंच परत लगाएं।
फ़ायदे
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पारिस्थितिक: पूना अंजीर का पेड़ विभिन्न पक्षियों और वन्य जीवन के लिए भोजन और आवास प्रदान करता है।
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औषधीय: पाचन विकार, त्वचा की स्थिति और सूजन जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए पारंपरिक चिकित्सा में फल, पत्ते और छाल का उपयोग किया गया है।
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सांस्कृतिक: पूना अंजीर का पेड़ कुछ क्षेत्रों में सांस्कृतिक महत्व रखता है और अक्सर इसे पवित्र अनुष्ठानों और समारोहों से जोड़ा जाता है।
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पाक कला: फलों को ताजा, सुखाया जा सकता है, या संरक्षित और चटनी में बनाया जा सकता है।